गीली साँसों सा महकाता
कल कल आंसू नदी बहाता
शेरू की पूँछ में खो जाता
मेरा बचपन॥
याद आती नानी की पुडिया
एक गन्ना और इक गुडिया
रेल की पटरी उड़ती चिडिया
मेरा बचपन॥
इक डिबिया में जुगनू पाले
तितली को भी दाने डाले
जब घूमे मिटटी को साने
मेरा बचपन॥
पापा के स्कूटर की सीट
मम्मी की गोदी में नींद
साइकिल की घंटी सा स्वीट
मेरा बचपन
:-)
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